समय बहुत ही मूल्यवान
चला गया जो समय लौटकर,कभी नहीं फिर आता
सदा समय को खोने वाला,कर माल मल पछताता।
जिसने इसको न माना उसको इसने भी ठुकराया
लाख जतन करने पर भी हाथ न उसके आया।
हो जाता है एक घड़ी के लिए जन्मभर रोना
समय बहुत ही मूल्यवान है व्यर्थ कभी न खोना।
धन खो जाता,श्रम करने से फिर मनुष्य है पाता
स्वास्थ्य बिगड़ जाने पर उपचारों से है बन जाता
विद्या खो जाती,फिर पढ़ने से है आ जाती
लेकिन खो जाने मिलती नहीं समय की थाती।
जीवन भर भटको, छानो,दुनिया का कोना कोना
समय बहुत ही मूल्यवान है व्यर्थ कभी न खोना।
रहती थी बापू की कटि में हरदम घड़ी लटकती
उन्हे एक पल की भी बर्बादी,थी अत्यधिक खटकती
बच्चों! तुम भी उसी भाँति पल पल से लाभ उठाओ
व्यर्थ न जाए कभी एक पल ऐसा नियम बनाओ।
गाँठ बाँध लो नहीं पडेगा कभी तुम्हे दुख ढोना
समय बहुत ही मूल्यवान है व्यर्थ कभी न खोना।
हरि कृष्ण देवसरे
चला गया जो समय लौटकर,कभी नहीं फिर आता
सदा समय को खोने वाला,कर माल मल पछताता।
जिसने इसको न माना उसको इसने भी ठुकराया
लाख जतन करने पर भी हाथ न उसके आया।
हो जाता है एक घड़ी के लिए जन्मभर रोना
समय बहुत ही मूल्यवान है व्यर्थ कभी न खोना।
धन खो जाता,श्रम करने से फिर मनुष्य है पाता
स्वास्थ्य बिगड़ जाने पर उपचारों से है बन जाता
विद्या खो जाती,फिर पढ़ने से है आ जाती
लेकिन खो जाने मिलती नहीं समय की थाती।
जीवन भर भटको, छानो,दुनिया का कोना कोना
समय बहुत ही मूल्यवान है व्यर्थ कभी न खोना।
रहती थी बापू की कटि में हरदम घड़ी लटकती
उन्हे एक पल की भी बर्बादी,थी अत्यधिक खटकती
बच्चों! तुम भी उसी भाँति पल पल से लाभ उठाओ
व्यर्थ न जाए कभी एक पल ऐसा नियम बनाओ।
गाँठ बाँध लो नहीं पडेगा कभी तुम्हे दुख ढोना
समय बहुत ही मूल्यवान है व्यर्थ कभी न खोना।
हरि कृष्ण देवसरे
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